निरखो अंग-अंग जिनवर के | Nirkho ang-ang jinvar ke

nirkho ang ang jinvar ke

| 1. Bhakti   निरखो अंग-अंग जिनवर के | Nirkho ang-ang jinvar ke   निरखो अंग-अंग जिनवर के   निरखो अंग-अंग जिनवर के, जिनसे झलके शान्ति अपार ।।टेक।। चरण-कमल जिनवर कहें, घूमा सब संसार । पर क्षणभंगुर जगत में, निज आत्मतत्त्व ही सार ।। यातें पद्मासन विराजे जिनवर, झलके शान्ति अपार ।।(1)   हस्त-युगल जिनवर … Read more

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