समाधि भावना-SAMADHI BHAVNA

Samadhi Bhawna

  समाधि भावना   दिन रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊँ । देहान्त के समय में, तुमको न भूल जाऊँ ।। शत्रु अगर कोई हो, सन्तुष्ट उनको कर दूँ। समता का भाव धरकर, सबसे क्षमा कराऊँ ।। त्यागूँ अहार पानी, औषध विचार अवसर ।  टूटे नियम न कोई, दृढ़ता हृदय में लाऊँ ।।  जागें … Read more

Manglastak strotra – श्री मंगलाष्टक स्तोत्र

श्री मंगलाष्टक स्तोत्रम्   अर्हन्तो भगवन्त इन्द्र महिताः, सिद्धाश् च सिद्धीश्वरा, आचार्या जिन-शास-नोन् नति कराः, पूज्या उपाध्यायकाः । श्रीसिद्धान्त-सुपाठका मुनिवरा, रत्नत्रया -राधकाः, पञ्चैते परमेष्ठिनः प्रतिदिनं कुर्वन्तु ते मंगलम्।।1।।   श्रीमन् नम्र-सुरा-सुरेन्द्र-मुकुट-, प्रद्योत-रत्नप्रभा, भास्वत्-पाद-नखेन्-दवः प्रवचनाम्-,भोधीन्दवः स्थायिनः । ये सर्वे जिन-सिद्ध-सूर्यनुगतास्, ते पाठकाः साधवः,  स्तुत्या योगिजनैश् च पञ्च गुरवः, कुर्वन्तु ते मंगलम् ।।2।।   सम्यग्दर्शन-बोध-वृत्त-ममलं, रत्नत्रयं पावनं, … Read more

Prabhu patit pawan / प्रभु पतित पावन

प्रभु पतित पावन मैं अपावन, चरन आयो सरन जी।  1.Bhakti देव स्तुति   प्रभु पतित पावन मैं अपावन, चरन आयो सरन जी।  यो विरद आप निहार स्वामी, मेट जामन मरन जी ।।   तुम ना पिछान्यो आन मान्यो, देव विविध प्रकार जी । या बुद्धि सेती निज न जान्यो, भ्रम गिण्यो हितकार जी ।।   … Read more

निरखो अंग-अंग जिनवर के | Nirkho ang-ang jinvar ke

| 1. Bhakti   निरखो अंग-अंग जिनवर के | Nirkho ang-ang jinvar ke   निरखो अंग-अंग जिनवर के   निरखो अंग-अंग जिनवर के, जिनसे झलके शान्ति अपार ।।टेक।। चरण-कमल जिनवर कहें, घूमा सब संसार । पर क्षणभंगुर जगत में, निज आत्मतत्त्व ही सार ।। यातें पद्मासन विराजे जिनवर, झलके शान्ति अपार ।।(1)   हस्त-युगल जिनवर … Read more

विनय पाठ / vinaypath 

      विनय पाठ / vinaypath  Jain Pooja         विनय पाठ   इह विधि ठाड़ो होय के, प्रथम पढ़े जो पाठ |  धन्य जिनेश्वर देव तुम, नाशे कर्म जु आठ ||१||    अनंत चतुष्टय के धनी, तुम ही हो सिरताज ।  मुक्ति-वधू के कंत तुम, तीन भुवन के राज ||२||   … Read more

jain pooja – जैन पूजा / जैन पूजा-पीठिका

              jain pooja/ जैन पूजा   नित्य-पूजा-पीठिका   ॐ जय जय जय नमोऽस्तु, नमोऽस्तु, नमोऽस्तु    णमो अरिहंताणं,  णमो सिद्धाणं  णमो आइरियाणं ।  णमो उवज्झायाणं,  णमो लोए सव्वसाहूणं ॥    ॐ ह्रीं अनादिमूलमन्त्रेभ्यो नमः (पुष्पाञ्जलिं क्षिपामि)   चत्तारि मंगलं अरिहंत मंगलं सिद्ध मंगलं साहु मंगलं केवलिपण्णत्तो धम्मो मंगलं ।   … Read more

Bde baba vidhan / श्री बड़ेबाबा विधान – रचयित्री आर्यिका विज्ञानमती जी

             श्री बड़ेबाबा विधान – रचयित्री आर्यिका विज्ञानमती जी/ Bde baba vidhan                                  सम्पादिका आर्यिका आदित्यमती जी                                       … Read more

Jain vidhan – श्री आदिनाथ विधान – विज्ञान मति माता जी कृत

    श्री आदिनाथ विधान    –  विज्ञानमति माता जी कृत                    ॥ श्री आदिनाथ विधान ॥                              पीठिका                                     … Read more

Exit mobile version