भक्तामर स्तोत्र (हिन्दी)|Bhaktamber Strotra Hindi

Bhaktamber Strotra

Bhaktamber Strotra   भक्तामर स्तोत्र (हिन्दी) अनुवादक पं. हेमराज    दोहा आदिपुरुष आदीश जिन, आदि सुविधि करतार ।  धरम-धुरंधर परमगुरु, नमों आदि अवतार ॥  चौपई (१५ मात्रा) सुर-नत-मुकुट रतन-छवि करैं, अंतर पाप-तिमिर सब हरैं ।  जिनपद बंदों मन वच काय, भव-जल-पतित उधरन-सहाय ॥१॥  श्रुत-पारग इंद्रादिक देव, जाकी थुति कीनी कर सेव ।  शब्द मनोहर अरथ विशाल, … Read more

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