देवशास्त्रगुरु पूजा
देवशास्त्रगुरु पूजा केवल रवि किरणों से जिसका, सम्पूर्ण प्रकाशित है अन्तर, उस श्री जिनवाणी में होता, तत्त्वों का सुन्दरतम दर्शन । सद्दर्शन बोध चरण पथ पर, अविरल जो बढ़ते हैं मुनिगण, उन देव परम आगम गुरु को, शत-शत वंदन शत-शत वंदन ॥ ॐ ह्रीं श्रीदेवशास्त्रगुरुसमूह अत्र अवतर अवतर संवौषट् । ॐ ह्रीं श्रीदेवशास्त्रगुरुसमूह अत्र तिष्ठ … Read more