देवशास्त्रगुरु पूजा

देवशास्त्रगुरु पूजा केवल रवि किरणों से जिसका, सम्पूर्ण प्रकाशित है अन्तर, उस श्री जिनवाणी में होता, तत्त्वों का सुन्दरतम दर्शन । सद्दर्शन बोध चरण पथ पर, अविरल जो बढ़ते हैं मुनिगण, उन देव परम आगम गुरु को, शत-शत वंदन शत-शत वंदन ॥ ॐ ह्रीं श्रीदेवशास्त्रगुरुसमूह अत्र अवतर अवतर संवौषट् । ॐ ह्रीं श्रीदेवशास्त्रगुरुसमूह अत्र तिष्ठ … Read more

भक्तामर स्तोत्र | Bhaktamber Strotra

Bhaktamber Strotra

श्री आदिनाथाय नमः   Bhaktamber Strotra भक्तामर स्तोत्रम् श्रीमन्मानतुङ्गाचार्यविरचित वसन्ततिलका भक्तामर स्तोत्र भक्तामर प्रणतमौलि मणिप्रभाणा- मुद्द्योतकं दलित-पापतमो-वितानम् । सम्यक्प्रणम्य जिनपादयुगं युगादा- वालम्बनं ‘भवजले पततां जनानाम् ||१|| यः संस्तुतः सकलवाङ्मयतत्त्वबोधा- दुद्भूत-बुद्धि-पटुभिः सुरलोकनाथैः । स्तोत्रैर्जगत्त्रितय चित्त हरैरुदारैः स्तोष्ये किलाहमपि तं प्रथमं जिनेन्द्रम् ॥२॥ बुद्धया विनापि विबुधार्चितपादपीठ ! स्तोतुं समुद्यतमतिर्विगत त्रपोऽहम् । बालं विहाय जलसंस्थितमिन्दुबिम्ब- मन्यः क इच्छति … Read more

विद्यमान बीस तीर्थंकर पूजा |विद्यमान 20 तीर्थंकर पूजा | Vidhyamaan 20 Tirthankar pooja

विद्यमान 20 तीर्थंकर पूजा

विद्यमान बीस तीर्थंकर पूजा Vidhyamaan 20 Tirthankar pooja   विद्यमान 20 तीर्थंकर पूजा पं. द्यानतराय दोहा-दीप अढ़ाई मेरु पन, ‘अब तीर्थंकर बीस ।  तिन सबकी पूजा करूँ, मन वच तन धरि शीस ॥  ॐ ह्रीं श्रीविद्यमानविंशतितीर्थंकराः ! अत्र अवतरत अवतरत संवौषट् । ॐ ह्रीं श्रीविद्यमानविंशतितीर्थंकराः ! अत्र तिष्ठत तिष्ठत ठः ठः । ॐ ह्रींश्रीविद्यमानविंशतितीर्थंकराः ! … Read more

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