श्री संभवनाथ विधान|SambhavNath Vidhan

संभवनाथ विधान

SambhavNath Vidhan विधान संभवनाथ विधान   SambhavNath Vidhan ॥ श्री सम्भवनाथ विधान ॥ पीठिका  (दोहा) सम्भव जिन को नमनकर, गाऊँ उनका गान ।  उन जैसा बनने लिखूँ, उनका पूज्य विधान ॥ 1॥  (ज्ञानोदय) क्षेमपुरी जो कच्छ देश में, राजाओं की नगरी थी, धन-धान्यों से फल-फूलों से, हरी-भरी सुख गगरी थी।  भूप रहा था विमल सुवाहन, … Read more

श्री पद्मप्रभ विधान — रचयित्री आर्यिका विज्ञानमती

श्री पद्मप्रभ विधान

श्री पद्मप्रभ विधान     रचयित्री आर्यिका विज्ञानमती प्रकाशक धर्मोदय साहित्य प्रकाशन सागर (म०प्र०) Mahaveervaani श्री पद्मप्रभ विधान पीठिका (दोहा) पद्मप्रभ की अर्चना, करने शुभ-आरंभ। कहूँ पीठिका पूर्व में, तजकर पापारम्भ ॥१॥ (ज्ञानोदय) नगर सुसीमा धन-धान्यों से, जैसे था परिपूर्ण अरे, वैसे ही था अधिपति उसका,श्रेष्ठ कार्य को पूर्ण करे।  नहीं पराजित हुआ तभी तो … Read more

Bde baba vidhan / श्री बड़ेबाबा विधान – रचयित्री आर्यिका विज्ञानमती जी

श्री बड़ेबाबा विधान

             श्री बड़ेबाबा विधान – रचयित्री आर्यिका विज्ञानमती जी/ Bde baba vidhan                                  सम्पादिका आर्यिका आदित्यमती जी                                       … Read more

Jain vidhan – श्री आदिनाथ विधान – विज्ञान मति माता जी कृत

    श्री आदिनाथ विधान    –  विज्ञानमति माता जी कृत                    ॥ श्री आदिनाथ विधान ॥        पीठिका           (दोहा)           तीर्थंकर आदीश के, विधान की जो श्रेष्ठ ।        कहूँ पीठिका आज मैं,  पाने को फल ज्येष्ठ … Read more

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