श्री संभवनाथ विधान|SambhavNath Vidhan

संभवनाथ विधान

SambhavNath Vidhan विधान संभवनाथ विधान   SambhavNath Vidhan ॥ श्री सम्भवनाथ विधान ॥ पीठिका  (दोहा) सम्भव जिन को नमनकर, गाऊँ उनका गान ।  उन जैसा बनने लिखूँ, उनका पूज्य विधान ॥ 1॥  (ज्ञानोदय) क्षेमपुरी जो कच्छ देश में, राजाओं की नगरी थी, धन-धान्यों से फल-फूलों से, हरी-भरी सुख गगरी थी।  भूप रहा था विमल सुवाहन, … Read more

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