समाधि भावना-SAMADHI BHAVNA
समाधि भावना दिन रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊँ । देहान्त के समय में, तुमको न भूल जाऊँ ।। शत्रु अगर कोई हो, सन्तुष्ट उनको कर दूँ। समता का भाव धरकर, सबसे क्षमा कराऊँ ।। त्यागूँ अहार पानी, औषध विचार अवसर । टूटे नियम न कोई, दृढ़ता हृदय में लाऊँ ।। जागें … Read more